मार्च 14, 2024, 12:37 बजे
साइबर अटैक: 50 लाख घरों का डेटा लीक ! नीदरलैंड में मिली बग की लोकेशन, 3 दिन बाद पता चला अटैक, कहीं आपका घर तो नहीं
-अब एनएचएम पर साइबर अटैक, संदेह के घेरे में प्रदेश का सरकारी डाटा
-सरकार के इंतजाम मिले अपर्याप्त, मुख्य सर्वर पर भी इंतजाम नहीं
-50 लाख मकानों का डाटा चोरी होने का संदेह, नीदरलैंड में मिली बग की लोकेशन
भोपाल। प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ आबादी का डाटा सरकारी डोमेन में साइबर चोरों के निशाने पर है। एक के बाद एक साइबर अटैक ने हमारे डाटा की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया। मंगलवार को साइबर सुरक्षा की हाई लेवल बैठक में प्रदेश के साइबर सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी मिले। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने ई-नगरपालिका के बाद अब एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के सर्वर पर साइबर अटैक की आशंका के चलते बुलाई। इसमें हेल्थ के डाटा में साइबर अटैक को लेकर जांच बैठा दी गई है। अटैक की कोशिश पुख्ता हो चुकी है, पर यह किस स्तर का रहा।
इससे कितना नुकसान हुआ इसकी जांच होगी। नगरीय प्रशासन के ई-नगरपालिका पोर्टल के सर्वर पर अटैक के बाद लापरवाही का खुलासा भी बैठक में हुआ है। सबसे अहम यह कि प्रदेश के 50 लाख मकानों के डाटा के भी चोरी होने की आशंका है। अफसर नहीं बता सके कि डाटा सुरक्षित है या नहीं। एसीएस डॉ. राजौरा ने अफसरों के साथ प्रदेश में साइबर सुरक्षा को मंथन किया। इसमें साइबर सुरक्षा को लेकर ऑडिट करने का फैसला भी लिया गया है। अटैक करने वालेे बग की लोकेशन नीदरलैंड मिली है।
3 दिन बाद पता चला अटैक
एनएचएम पर साइबर अटैक की जानकारी तीन दिन बाद पता चली। अब अटैक की स्थिति जांची जा रही है। दूसरे विभागों के डिजिटल प्लेटफार्म को भी चेक करने को कहा है, ताकि देखा जा सके कि कहीं और भी प्रयास तो नहीं हुआ।
भुवनेश्वर में बनेगा डाटा बैकअप सेंटर
सरकार ने अब यह तय किया है कि सर्वर का बैकअप रखने के लिए भुवनेश्वर में डाटा बैकअप सेंटर बनाया जाएगा। पहले यह दिल्ली, फिर जयपुर में बनाना तय हुआ था। लेकिन, अब इसे भुवनेश्वर में बनाना तय किया गया है। इस पर काम शुरू हो गया है।
तकनीकी रिपोर्ट मांगी
पिछली बार ई-नगरपालिका के सर्वर पर सायबर अटैक को लेकर भी बैठक में समीक्षा हुई। इसमें डॉ. राजौरा ने डाटा सिक्योरिटी की रिपोर्ट मांगी, लेकिन तकनीकी रूप से कुछ भी तय नहीं हो सका। इसलिए सात दिन में बताना होगा कि साइबर अटैक के बाद डाटा कहीं चोरी या कॉपी तो नहीं हुआ। यदि हुआ है तो तकनीकी रिपोर्ट में बताना होगा।
आशंका है कि 50 लाख मकानों का डाटा चोरी न हो गया हो। ई-नपा सर्वर का बैकअप भी उसी कम्प्यूटर सर्वर पर था, जो कि पूरी तरह गलत है। साइबर के बाद मुख्य और बैकअप सर्वर बंद कर दिए। इससे दोनों क्रेश हो गए। पूरा डाटा अलग से हार्ड ***** में रखा था, जो अभी बची है। इसी से डाटा रीस्टोर होगा। इसमें तीन दिन लेट का डाटा है। यानी तीन दिन का डाटा खत्म हो चुका है।