जुलाई 2, 2024, 3:51 बजे
मुस्कान संस्था की उर्मिला को मिला नया घर आंगन ,संस्था में पली-बढ़ी उर्मिला का मुस्कान संस्था में गायत्री पद्धति से हुआ विवाह
धूमधाम से निकली बारात, समाज का हर वर्ग बना विवाह का साक्षी
मुस्कान संस्था की उर्मिला को मिला नया घर आंगन
संस्था में पली-बढ़ी उर्मिला का मुस्कान संस्था में गायत्री पद्धति से हुआ विवाह
धूमधाम से निकली बारात, समाज का हर वर्ग बना विवाह का साक्षी
भोपाल के शुभम के साथ लिए सात फेरे
इटारसी :- शिव भारद्वाज ✍️
इटारस :- वैसे तो शहर में आए दिन शादी विवाह समारोह होते रहते हैं, लेकिन आज एक ऐसी शादी हुई ,जिसकी चर्चा शहर के हर व्यक्ति की जुबान पर थी ।
यह विवाह न तो किसी अमीर घराने के बेटी बेटे का था, ना किसी सेलिब्रिटी का ना ही किसी बड़े राजनीतिक परिवार का। विवाह था ,एक ऐसी बच्ची का जो मुस्कान संस्था में मात्र 8 साल की उम्र से में आई थी ,इसी संस्था में पली बड़ी, शिक्षा ग्रहण की और इसी संस्था ने आज माता पिता बनकर उसका विवाह संपन्न कराया ,वह भी धूमधाम से, बारात निकली ,रिसेप्शन हुआ लोगों ने कन्यादान के रूप में आवश्यक सामग्री दी । गायत्री परिवार के लोगों ने गायत्री पद्धति से विवाह संपन्न कराया ,जी हां हम बात कर रहे हैं मुस्कान में पली बड़ी उर्मिला की, जब वह आई थी तो संस्था को यह भी नहीं पता था कि उसके भौतिक माता-पिता कौन है, आज भी इस बात का पता किसी को नहीं, संस्था ने हीं माता-पिता बनकर उर्मिला का विवाह भोपाल के शुभम के संग संपन्न कराया।
आठ साल की उम्र में इटारसी की मुस्कान संस्था पहुंची बालिका उर्मिला बालिग होने तक संस्था में ही रच बस गई थी। मुस्कान संस्था ने उसे पूरे लाड़-प्यार से पाला। जब वह बालिग हो गई तो उसे संस्था ने मां-बाप नहीं होने का अहसास नहीं होने दिया और मां-बाप का फर्ज निभाते हुए उसके हाथ पीले कराए।
मंगलवार को शहर के वृंदावन गार्डन में उर्मिला का धूमधाम से विवाह कराया। उर्मिला को विदाई देते वक्त मुस्कान संस्था से जुड़े हर शख्स की आंखों में खुशी के आंसू बह निकले।
ज्ञात रहे है कि मुस्कान संस्था में ऐसे बच्चों को रखा जाता है जिनके माता-पिता या घर-परिवार का कुछ पता नहीं होता है। जब उर्मिला को मुस्कान संस्था में लाया गया तब उस वक्त उसकी आयु केवल 8 वर्ष की थी। बाल कल्याण समिति के माध्यम से उर्मिला संस्था में आई थी। उसे कभी यहां रहकर अपने माता-पिता का ध्यान ही नहीं आया। बालिग होने के बाद उसे शक्ति सदन में रखा जा रहा था।
संस्था ढूंढ ने शुभम के रूप में ढूंढा जीवन साथी
मुस्कान संस्था ने हीं उसके लिए वर ढूंढा, प्रबंधन की यह तलाश भोपाल में आकर पूरी हुई। जब संस्था को उर्मिला के योग्य वर समझ आया, इसके बारे में उर्मिला से भी चर्चा की गई और उसके भी विचार जाने गए। जब उर्मिला ने विवाह की सहमति दी तब प्रबंधन ने फटाफट उसका विवाह तय कर दिया। उर्मिला ने कहा कि वह यहां 8 साल की उम्र से रह रही है। कभी उसे यहां मां-बाप की कमी महसूस नहीं हुई। मेरी हर जरुरत का ध्यान रखा है। मैं मुस्कान संस्था की जीवन भर आभारी रहूंगी। ।
फूलों से सजे मंडप में हुए फेरे
उर्मिला का विवाह वृंदावन गार्डन में गायत्री पद्धति से मंत्रोच्चार के बीच हुआ। पूरे विवाह स्थल को बहुत ही शानदार फूलों से सजाया गया था। भोपाल से बारात लेकर पहुंचे दूल्हे का मेन गेट पर लडक़ी पक्ष से मुस्कान संस्था प्रबंधन ने स्वागत किया। इसके बाद वर-वधु ने एक-दूसरे का हाथ थामकर जीवनसाथी बनने की कसमें लीं। उर्मिला के विवाह में शामिल होने शहर के गणमान्य नागरिकों में नपाध्यक्ष पंकज चौरे, शिक्षाविद् केएस उप्पल, वरिष्ठ पत्रकार जम्मू सिंह उप्पल, सुधीर गोठी, सुनील बाजपेयी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी ललित डेहरिया, जिला अधिकारी डीपी गौर, नगर पालिका के पार्षद ,गणमान्य, नागरिक पत्रकार वर-वधु को आशीर्वाद देने पहुंचे।